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Showing posts from February, 2025

Pottery Arts in Rajasthan पॉटरी चित्रकला, पोकरण पॉटरी :pokran jaisalmer & तबक Tbak work jaipur

पॉटरी : चीनी मिट्टी के बर्तनों पर की जाने वाली आकर्षक चित्रकारी पॉटरी कहलाती है |पॉटरी का उद्गम (पार्शिया ईरान) में माना जाता है, जो फारस, अफगानिस्तान होती हुई भारत आयी इसका प्रचलन अकबर के समय हुआ | पोकरण पॉटरी 👇  जैसलमेर के पोकरण में मिट्टी के पात्र व अन्य कलात्मक सजावटी वस्तुएँ बनती हैं, जो पोकरण पॉटरी के नाम से जानी जाती है पोकरण पॉटरी को 2018 में Gi tag मिल चुका है  लाख की पॉटरी : बीकानेर👇     * इसमें बर्तनों पर लाख के टुकड़ों से डिजाईन बनायी जाती है   💫   ब्ल्यु पॉटरी: जयपुर कृपालसिंह शेखावत को 1974में पद्म श्री सम्मान मिला था  💫   ब्लेक पॉटरी : कोटा  💫   कागजी पॉटरी :अलवर  💫   सुनहरी पॉटरी : बीकानेर तबक /वर्क : जयपुर👇      चांदी के तार को हिरण की खाल की कई परतों के मध्य रखकर कई घंटो तक पीटने के बाद 'बारिक पत्र के समान पत्र बनता है वह तबक वर्क कहलाता है जो मिठाई पर लगाया जाता है इस कार्य को करने वाले पन्नीगर कहलाते हैं सवाई जयसिंह के समय प...

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वाक्य विचार

-: पदों या सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह, जिससे वक्ता के कथन का अभीष्ट आशय अर्थ पूर्ण रूप से स्पष्ट होता है, वाक्य कहलाता है। हम यह भी कह सकते हैं: शब्दों के सार्थक मेल से बनने वाली इकाई वाक्य कहलाती है। वाक्य के द्वारा आप किसी से वार्तालाप कर सकते हैं । वाक्य के अनिवार्य तत्व व्याकरण की दृष्टि से एक शुद्ध वाक्य में निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक है: आकांक्षा: आकांक्षा अर्थात इच्छा। वाक्य पदों के मेल से बनता है। किसी वाक्य में आने वाले पदों को जानने की इच्छा आकांक्षा कहलाती है। योग्यता: पदों में निहित अर्थ का ज्ञान कराने की क्षमता को योग्यता कहते हैं। निकटता: वाक्य का उचित व पूर्ण अर्थ प्रकट करने के लिए पदों की एक दूसरे से निकटता आवश्यक है। यदि वाक्य में आए एक पद का उच्चारण दूसरे पद से काफी समय बाद किया जाए तो अर्थ प्रकट होने में रुकावट आती है। पदक्रम: वाक्य मे प्रयोग किए जाने वाले सभी शब्दों (पदों) का क्रम निश्चित होता है। यदि वाक्य में पदों का क्रम सही नहीं है, तो अर्थ स्पष्ट नहीं होता। अन्वय: अन्वय का अर्थ है मेल या एकरूपता। व्याकरण के नियमों के अनुसार वाक्य में पदों प्रयोग अन्वय...

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विराम चिन्ह

 विराम का अर्थ है “रुकना या ठहरना” किसी भी वाक्य को लिखते या बोलते समय बीच में कुछ पल का ठहराव आता है यही ठहराव या रुकना उस वाक्य को स्पष्ट, अर्थवान, भावपूर्ण बनाती है। लिखित भाषा में वाक्य प्रयोग के समय कुछ चिन्हों का प्रयोग किया जाता है वाक्य में कुछ पल के ठहराव के लिए प्रयुक्त होने वाले चिन्ह को विराम चिन्ह  कहा जाता है। विराम चिन्ह को सरल भाषा में “रुकना या ठहरना” कहते हैं ,जो चिन्ह लिखते, बोलते या पढ़ते समय रुकने का संकेत देते हैं या ठहराव के लिए प्रयोग किये जाते हैं उन्हें “विराम चिन्ह” कहा जाता है। विराम चिन्ह को अंग्रेजी में punctuation marks कहा जाता है। यदि विराम चिन्ह का प्रयोग न किया जाए तो अर्थ का अनर्थ हो जाता है। उदहारण के रूप में नीचे दिए गए वाक्य के विराम चिन्ह के स्थान से अलग लगाने पर वाक्य का अर्थ अलग निकल कर आता है ; जैसे – रोको मत जाने दो। (इस वाक्य में अर्थ स्पष्ट नहीं है ) रोको, मत जाने दो। (इस वाक्य में अर्थ स्पष्ट है इसमें “रोको” के बाद अल्पविराम का प्रयोग किया गया है जिसमे रोकने के लिए कहा गया है।) रोको मत ,जाने दो। (इस “रोको मत” के बाद अल्पविराम लगाने...

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शब्दशक्ति

 शब्दवृत्ति या शब्दशक्ति (अथवा शब्द शक्ति अथवा शब्द-शक्ति) अर्थात शब्दों की शक्ति। हिन्दी व्याकरण में किसी वाक्य के भाव को समझने के लिए प्रयुक्त अर्थ को शब्द शक्ति कहा जाता है। कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनके अर्थ सभी लोगों के लिए समान होते हैं लेकिन कुछ वाक्य ऐसे होते हैं जिनका अर्थ प्रत्येक व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुसार लेता है। इसी आधार पर उस वाक्य में प्रयुक्त शब्दों के प्रकार, शक्ति और व्यापकता के आधार पर उसे विभिन्न प्रकार से विभक्त किया जाता है। परिभाषा शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। शब्दशक्ति के प्रकार हिन्दी व्याकरण में शब्दशक्ति तीन प्रकार की होती है: अभिधा मुख्य लेख: अभिधा वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है। उदाहरण हिन्दी एक भाषा ...

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मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ

  मुहावरे क्या हैं? मुहावरा  एक ऐसा बोधात्मक या चित्रात्मक वाक्यांश या अनुबंध होता है जो किसी विशेष अर्थ को व्यंजित करने के लिए प्रचलित होता है। यह शब्दों का ऐसा समूह होता है जिसे अक्षरशः अर्थ नहीं लिया जा सकता है बल्कि इसके पीछे छिपे हुए अर्थ को समझना आवश्यक होता है। मुहावरे का महत्व मुहावरे भाषा को सजीव, चुस्त और सुंदर बनाते हैं। वे भाषा को जीवंतता और विविधता प्रदान करते हैं और इसे अधिक प्रभावशाली बनाते हैं। मुहावरों का सही और सटीक उपयोग भाषा की सम्प्रेषणीयता और शक्ति को बढ़ाता है। मुहावरे के उदाहरण आंखों का तारा होना:  प्रिय और महत्वपूर्ण व्यक्ति होना। आगे कुआं, पीछे खाई:  हर तरफ से विपत्ति आना। गगनचुंबी होना:  अत्यंत ऊँचा होना। गधे के सिर पर सींग:  जो वस्तु कहीं नहीं है। चोर की दाढ़ी में तिनका:  दोषी व्यक्ति अपने आप को प्रकट कर देता है। लोकोक्तियाँ क्या हैं? लोकोक्ति  एक ऐसा कथन होता है जो समाज में किसी विशेष परिस्थिति या घटना के बारे में स्थापित होता है और जिसे विभिन्न अवसरों पर उद्धृत किया जाता है। यह आमतौर पर एक सत्य या पारंपरिक ज्ञान को सं...

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भिन्नार्थक शब्द

  भिन्नार्थक शब्द ():  हिंदी भाषा में अनेक ऐसे शब्द हैं, जो पढ़ने और सुनने में लगभग एक-से लगते हैं। जबकि उनके अर्थ अलग-अलग होते है यानि दोनों शब्दों के अर्थ में सूक्ष्म अंतर होता है। ऐसे शब्द ही श्रुतिसम/समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द (Homonyms Words) कहलाते है। सरल शब्दों में कहे तो भिन्नार्थक शब्द ऐसे शब्द है जिनमें स्वर, मात्रा अथवा व्यंजन में थोड़ा-सा अंतर होता है। इसी दृष्टि से यहां आमतौर पर प्रयोग किये जाने वाले भिन्नार्थक शब्दों की सूची प्रस्तुत की गई है– अबला :  अबला स्त्री मात्र को कहते हैं। निर्बला :  बलहीन नारी। अभिमान :  सच्चा वर्ग। अहंकार :  झूठा घमंड। दर्प :  नियम के विरुद्ध काम करने पर भी घमंड। घमंड :  सभी परिस्थितियों में अपने को बड़ा और दूसरे को हीन समझना। अवस्था :  उम्र, जीवन के कुछ बीते समय। आयु :  जीवन की पूरी गणना। अलौकिक :  अद्भुत, उत्तम गुणवाला। अस्वाभाविक :  प्रकृति के विरुद्ध। ईर्ष्या :  दूसरे की उन्नति से जलना। द्वेष :  वैर-भाव। उद्योग :  उद्यम, परिश्रम। उपाय :  समस्या सुलझाने का तरीका ...

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विलोम शब्द

  वे शब्द जो किसी अन्य शब्द के अर्थ के विपरीत अर्थ व्यक्त करते हैं, जिस स्थिति में दो शब्द एक दूसरे के विलोम हैं, उन्हे विलोम शब्द कहते हैं। विपरीत अर्थ वाले शब्द को विलोम शब्द के रूप मे लिखते है । घमंड का विलोम शब्द विनय है । जिस शब्द का विलोम शब्द चाहिए उसके विरुद्ध अर्थ वाला शब्द लिख कर विलोम शब्द बनाए । संख्या में शून्य (0) का विलोम हमेशा शून्य (0) ही रहेंगा । लेकिन भाषा में शून्य का विलोम शब्द शिखर, धरा है । अनु क्रम शब्द विलोम शब्द १ हिंसा अहिंसा २ आकार निराकार ३ अनिवार्य वैकल्पिक ४ अति अल्प ५ औचक अक्सर ६ उपयोग दुरूपयोग ७ ज्ञान अज्ञान ८ उषा सौम्य ९ अगला पिछला १० रक्षक भक्षक ११ शब्द विलोम शब्द १२ आशीर्वाद अभिशाप १३ शब्द विलोम शब्द १४ आगामी विगत १५ ईश्वर अनीश्वर १६ अनुरक्त विरक्त १७ संतोष असंतोष १८ आधार विकर्ण १९ औद्योगिक अनौद्योगिक २० आध्यात्मिक भौतिक २१ सफल असफल २२ उपाय निरुपाय २३ जीवन मृत्यु २४ आदत्त प्रदत्त २५ सरल कुटिल २६ चर अचर २७ आधार निराधार २८ वरदान अभिशाप २९ सकाम निष्काम ३० मूक वाचाल ३१ औपचारिकता अनौपचारिकता ३२ धर्म अधर्म ३३ रुग्ण स्वस्थ ३४ औंधाना सीधा करना ३५ अस्त उद...

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